नील सरस्वती स्तोत्र
नील सरस्वती स्तोत्रम देवी सरस्वती को समर्पित एक अत्यंत ही शक्तिशाली स्तोत्र है जिसके पाठ से व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति होती है। यह एक सिद्ध सरस्वती स्तोत्र है जिसके प्रभाव से साधक की बुद्धि तीक्ष्ण होती है तथा उसके अंदर आत्मज्ञान जागृत होता है। अष्टमी , नवमी व चतुर्दशी के दिन नील सरस्वती स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है। कई साधकों को तो नील सरस्वती स्तोत्र अर्थ सहित कंठस्थ होता है और वह इसका योनिमुद्रा में आसन लगा कर पाठ करते हैं। यह एक शत्रु नाशक नील सरस्वती स्तोत्र है जो साधक के समस्त शत्रुओं का नाश कर देता है। नील सरस्वती स्तोत्र – Neel Saraswati Stotram ॥ अथ श्रीनील सरस्वतीस्तोत्रम् ॥ ॥ श्री गणेशाय नमः ॥ घोररूपे महारावे सर्वशत्रुवशङ्करी । var क्षयङ्करी भक्तेभ्यो वरदे देवि त्राहि मां शरणागतम् ॥ १ ॥ सुराऽसुरार्चिते देवि सिद्धगन्धर्वसेविते । जाड्यपापहरे देवि त्राहि मां शरणागतम् ॥ २ ॥ जटाजूटसमायुक्ते लोलजि