श्री नारायण कवच अर्थ सहित
॥ श्री नारायण सम्पूर्ण कवच अर्थ सहित हिंदी में न्यास- सर्वप्रथम श्रीगणेश जी तथा भगवान नारायण को नमस्कार करके नीचे लिखे प्रकार से न्यास करें – अङ्गन्यासः ऊँ ऊँ नमः पादयोः – (दाहिने हाथ की तर्जनी और अंगुठा इन दोनों को मिलाकर दोनों पैरों का स्पर्श करें) ऊँ नं नमः जानुनो – (दाहिने हाथ की तर्जनी और अंगुठा इन दोनों को मिलाकर दोनों घुटनों का स्पर्श करें) ऊँ मों नमः ऊर्वो: – (दाहिने हाथ की तर्जनी और अंगुठा इन दोनों को मिलाकर दोनों पैरों की जाँघो का स्पर्श करें) ऊँ नां नमः उदरे – (दाहिने हाथ की तर्जनी और अंगुठा इन दोनों को मिलाकर पेट का स्पर्श करें) ऊँ रां नमः हृदि – (मध्यमा, अनामिका और तर्जनी से हृदय का स्पर्श करें) ऊँ यं नमः उरसि – (मध्यमा, अनामिका और तर्जनी से छाती का स्पर्श करें) ऊँ णां नमः मुखे – (तर्जनी और अँगुठे के संयोग से मुख का स्पर्श करें) ऊँ यं नमः शिरसि – (तर्जनी और मध्यमा के संयोग से सिर का स्पर्श करें) करन्यासः ऊँ ऊँ नमः दक्षिणतर्जन्याम् – (दाहिने अँगुठे से दाहिने तर्जनी के सिरे का स्पर्श करें) ऊँ नं नमः दक्षिणमध्यमायाम् – (दहिने अँगुठे से दा