'चाक्षुपोनिषद्'
नेत्र रोग दूर करने की रामबाण उपासना है भगवान सूर्य की 'चाक्षुषी विद्या' भगवान सूर्य प्राणियों की दृष्टि (देखने की) शक्ति के अधिष्ठातृ देवता हैं, इसलिए अच्छी नेत्रज्योति और नेत्ररोगों को दूर करने के लिए भगवान सूर्य की आराधना की जाती है । चाक्षुपोनिषद् सभी प्रकार के नेत्ररोगों को शीघ्र समाप्त करने वाला और नेत्रों को तेजयुक्त करने वाला चमत्कारी मन्त्र है । यह केवल पाठ करने से ही सिद्ध हो जाता है । इसे 'चाक्षुपोनिषद्', 'चक्षुष्मती विद्या', या 'चाक्षुषी विद्या' के नाम से भी जाना जाता है। चक्षु का अर्थ आंख व नेत्र होता है, इसलिए 'चाक्षुपोनिषद्' का अर्थ है चक्षु + उपनिषद अर्थात् वेद-उपनिषद में बतायी गई नेत्र सम्बन्धी विद्या । इस मन्त्र का उल्लेख 'कृष्णयजुर्वेद' में है । कैसे करें 'चाक्षुषी विद्या' का प्रयोग ▪️रविवार के दिन प्रात: सूर्य के सामने नेत्र बंद करके खड़े या बैठ जाएं और भावना करें कि 'मेरे समस्त नेत्ररोग दूर हो रहे हैं ।' इस तरह रविवार से शुरु कर रोजाना 'चाक्षुपोनिषद्'